अनाज मंडियो में भारी मांग एवं आपूर्ति की कमी से गेहूं एक सप्ताह में 200 रूपये बढ़े क्या गेहूं (Gehu Future price) भाव बढ़ेगा या घटेगा देखे रिपोर्ट
गेहूं की कीमतों (Gehu Future price) में लगातार तेजी देखने को मिल रही है, बीते वित वर्ष 2024-25 से अबतक जनवरी माह में गेहूं के रेट तकरीबन 800 रूपए प्रति क्विंटल तक तेज हो चुके हैं, आपको बता दे कि बीते वर्ष 6 जनवरी 2024 को गेहूं की कीमत मार्केट में 2500 रूपए प्रति क्विंटल तक बिक्री हुई थी। अब जनवरी माह 2025 में गेहूं के रेट 3300 रूपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गए हैं।
क्या गेहूं का भाव 3500 रुपए (Wheat future price) हो सकता है?
मार्केट में बीते दिन गेहूं की जयपुर मार्केट में मिल डिलीवरी नेट गेहूं के रेट (wheat Rate) अपने ऊपरी स्तर यानी 3325 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गया, दूसरी ओर FCI का गेहूं मिल्स को सप्लाई मांग के अनुरूप न होने के चलते एक सप्ताह में गेहूं की कीमतें 200 रूपए प्रति क्विंटल तक बढ़ चुके हैं ।
हाल ही में गेहूं को लेकर लक्ष्मीभोग आटा, सूजी मैदा और बेसन के निर्माता कंपनी के निदेशक श्री नरेश चोपड़ा ने बताया कि यदि सरकार द्वारा आगामी दिनों में टेंडरों की क्वांटिटी को ओर नहीं बताया जाता है तो, मिलो में गेहूं की कमी हो सकती है, जिसके चलते गेहूं आटा, एवं गेहूं के मार्केट रेट में 100-200 रूपए प्रति क्विंटल तक बढ़ोतरी के साथ अपने ऊपरी स्तर को छू सकती है, यानि गेहूं आगामी फसल की नई आवक से पहले ही 3500 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच जाएगी।
गेहूं के Msp Rate पर बोनस की घोषणा के बाद गेहूं का भाव भविष्य 2025 में क्या रहेगा?
दूसरी ओर इस साल रबी सीजन 2025 में गेहूं की अच्छी बुवाई की खबर आई है, उधर कई राज्य सरकार पहले ही गेहूं MSP Rate पर 125 से 150 रुपए प्रति क्विंटल तक बोनस का ऐलान कर चुकी हैं, हालांकि घरेलू मांग एवं आपूर्ति को ध्यान में रखे तो सरकारी रेट काफी कम लगता है, एवं प्राइवेट कंपनियों द्वारा कमर्शियल क्षेत्र जैसे होटल कारोबार, बेकरी, एवं औद्यौगिक क्षेत्र में फास्ट फूड जैसी जरूरतों हेतु भी अधिक मात्रा में खरीद करने की और बढ़ती है तो ऊंचे दामों पर गेहूं 3500 रुपए प्रति क्विंटल को छू सकती है।
हालांकि इस समय गेहूं की अधिक बुवाई के बावजूद तेजी जारी है, क्योंकि गेहूं की नई फसल अप्रैल 2025 में शुरू होगी, उससे पहले 3 से 4 महीने अभी बाकी है, जिसका दबाव अभी गेहूं पर आगामी दिनों भी जारी रहेगा, क्योंकि इस समय केंद्रीय पुल में गेहूं की शॉर्टेज की स्थिति बन चुकी है, उधर केंद्र सरकार द्वारा कई प्रकार की योजनाओं हेतु भी गेहूं की सस्ते दामों पर आम लोगों में बांट रही है, इसके कारण भी गेहूं सरकारी गोदामों में उपलब्धता कम है। जिसका असर भी गेहूं पर पड़ रहा है।
जैसा कि विदित है कि सरकार द्वारा बीते साल 3 महीने पहले गेहूं को खुले बाजार में बिक्री हेतु मना कर दिया था, जिसके कारण कुछ दिनों में ही गेहूं लगातार तेजी का माहौल बन गया जो इस साल जनवरी 2025 तक जारी है, हालांकि बढ़ती तेजी एवं महंगाई को देखते हुए सरकार को अपना फैसला बदलना पड़ा था एवं खुले में बिक्री हेतु परमिशन दे दी थी।
लेकिन उसमें में भी रोलर प्लोर मिलों (Roller floar mill) और आटा चक्कयों को क्षमता के अनुरूप गेहूं का टैंडरों में नहीं प्राप्त हुआ। जिसके कारण बीते एक हफ्ते में गेहूं की कीमत 200 रुपए प्रति कुंतल तेज होकर 3225 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किए गए।
बता दे कि बीते वर्ष 6 जनवरी 2024 को गेहूं का कीमत 2500 रुपए के करीब था। जोकि वर्तमान में तकरीबन 800 रुपए प्रति क्विंटल से अधिक चल रहा है। जिसके चलती मैदा, आटा और सूजी में जोरदार तेजी तर्ज किया जा रहा है।
बीते महीने केंद्र सरकार की ओर से दिल्ली में गेहूं 5500 टन देने की तुलना में 3500 टन साप्ताहिक टेंडर किया गया। जिसके चलते चारों अधिक तेज़ी की स्थिति बन गया। व्यापार अपने विवेक से निर्णय लें कर करें।
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निष्कर्ष: किसान साथियों एवं व्यापारी भाइयों जैसा कि आपको पता है mandibazarbhav.com किसानों एवं व्यापारियों हेतु समय पर मंडी भाव, मार्केट न्यूज, तेजी मंदी रिपोर्ट आदि की जानकारी समय समय पर देती है, हालांकि उक्त जानकारी कई स्त्रोतों से एकत्रित करके एवं एक्सपर्ट की मदद से दी जाती है, जिसमें कुछ भी भविष्य में उतार चढाव संभव है अतः व्यापार अपने विवेक से करें