Garlic Crop Yield : इस समय लहसून की फसल 70 से 80 दिन की हो चुकी है ऐसे में किसानों को कृषि विभाग द्वारा उचित मात्रा में पानी के साथ साथ अनेक प्रकार के रोग होने से बचाने हेतू सलाह दी है तो चलिए जानते हैं इसमें किन किन बातों का रखें ध्यान ताकी बंपर पैदावार ली जा सकें…
लहसून की फसल हेतू कृषि विभाग की सलाह
इस समय देश के अधिकतर हिस्सों में लहसुन की खेती Garlic Crop Yield की जा रही है लहसुन में कल्लो से फुटाव देखने को मिलता है एवं बाहर सिर्फ 10 से 12 पत्ते ही दिखाई देते हैं इन पतियों के माध्यम से ही पसंद संपूर्ण तैयार होती है एवं इसके नीचे कंद पड़ता है जो खाने के काम आता है, मैं किसानों को इसकी देखभाल करके आसानी से अच्छा उत्पादन ले सकते हैं एवं इस बार प्याज की कीमतें भी काफी उचित मिल रही है।
Garlic Crop Yield: की खेती ऐसी खेती है जब एक या दो पत्तों पर भी नुकसान होता है तो यह संपूर्ण पसंद नष्ट होने का खतरा बना रहता है एवं फसल के उत्पादन में काफी गिरावट हो सकती है इसके समाधान के लिए किसान साथी समय-समय पर अच्छे उत्पादन हेतु कुछ उपाय जरूर करें ताकि फसल के उत्पादन में कमी ना आए। यानि सही समय पर देखभाल करके अच्छा उत्पादन ले.
लहसुन की फसल 70 से 80 दिन की हो गई है एवं कांड का समय आ चुका है, इस समय लहसुन की फसल की देखभाल करना और भी महत्वपूर्ण हो गया है क्योंकि इसी समय ही उत्पादन में बढ़ोतरी का रामबाण उपाय होगा इसके लिए किस लहसुन के पौधों में किसी पत्तों में कोई भी प्रकार का नुकसान है तो उसे अभी समाधान जरूर करें
लहसून की फसल हेतू इन रोग प्रतिरोधक का करें छिड़काव।Garlic Crop Yield
लहसुन की फसल को सर्दी के मौसम में उगाया जाता है ऐसे में ठंड एवं घोड़े की वजह से पौधों में फंगस रोग लगने की संभावना अधिक हो जाती है इसलिए किसान साठी 70 से 80 दिन होने के बाद किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि अच्छी पैदावार मिल सके इसके लिए इस लेख को पूरा जरूर पड़े ताकि अधिक उत्पादन लिया जा सके
लहसून की फसल में किसानों को किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए
1. किसान साथी लहसून की फसल में सबसे पहले अपनी फसल को देखें कि उसमें किसी प्रकार का भी थ्रिप्स या फंगस रोग न हो क्योंकि लहसुन में थ्रीप्स एवं फंगस का प्रभाव ज्यादा दिखाई देता है, जो संपूर्ण फसल को नष्ट कर सकता है इसके साथ-साथ किसान साथी जलेबी रोग का भी प्रभाव के बारे में जरूर ध्यान दें यदि फफूंदी नाशक एवं कीटनाशक आवश्यक है तो उसका छिड़काव जरूर करें
लहसून में फफूंदी नाशक दवा का इस्तेमाल
इस समय यदि आप की फसल में फफूंदी रोग दिखाईं दे तो किसानों को लहसुन में फफूंदी नाशक के लिए रिडोमिल गोल्ड का इस्तेमाल किया जा सकता है।
कीटनाशक का छिड़काव
किसानों को सलाह दी जाती है कि लहसून की फसल में किटनाशक के लिए सिजेंटा अलीका इस्तेमाल किया जा सकता है।
2. लहसुन की खेती यदि 70 से 80 दिन की हो गई है तो किसान इसमें कैल्शियम नाइट्रेट का इस्तेमाल जरुर करें, इसमें प्रति एकड़ के हिसाब से 10 किलोग्राम का इस्तेमाल करना चाहिए। अब आपके मन में यह प्रश्न होगा कि इससे क्या लाभ होगा तो बता दे कि इसका प्रयोग लहसुन के कंद बनने में काफी ज्यादा मदद करता है एवम् कंद की क्वालिटी में भी अच्छा सुधार होता है।
लहसून की फसल में किसान भाइयों कैल्शियम नाइट्रेट Garlic Crop Yield के उपयोग करने से आपकी फसल में पीलापन आएगा जो सही होता है वहीं अगर आपकी फसल में पानी देने की जरूरत लगे तो पानी जरुर देना चाहिए ताकि पौधों में उचित नमी बनी रहे और कंद बनाने में सहायता मिले।
इसके अलावा किस लहसून की फसल में NPK 00-00-50 या NPK 00-52-34 जो की पानी में घुलनशील खाद है। इसका इस्तेमाल स्प्रे के द्वारा छिड़काव करें। इसके अलावा किसान अपनी फसल में माइक्रोन्यूट्रिएंट्स का स्प्रे भी जरूर करना चाहिए ।इससे भी आपकी फसल में अच्छा लाभ प्राप्त होगा और आप Garlic Crop Yield अधिक पैदावार लेने में सक्षम होंगे ।
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