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सरसों में फंगस, सफेद रोली रोग और गेहूं में पिला रतुआ रोग, जौ में चेपा की आशंका से किसान परेशान, जानें कैसे पाए निजात।

इस समय गेहूं की फसल में पीला रतवा रोग सरसों में फंगस एवं जो में बदलते मौसम में चेपा रोग की आशंका से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है इसके चलते फसलों में उत्पादन की भारी कमी की दिखाते सामने आ सकती है।

सरसों में फंगस, सफेद रोली रोग का प्रकोप

किसान साथियों इस समय वातावरण में भारी नमी एवम् मौसम में बगैर धूप से फसल कई रोग की गिरफत में आ गई है, इस समय फसल में फंगस जनित रोग शुरु हो गए हैं, जो उत्पादन पर सीधा असर दिखाएंगे, सरसों की पछेती बुवाई में इस समय सफेद रोली रोग देखने को मिल रहा है, वही गेहूं में पीला रतुआ रोग का प्रकोप बढ़ रहा है, हालांकि पीला रतुआ रोग इस समय अपनी शुरुवाती स्टेज में है, किसान साथियों को सलाह दी जाती है कि समय रहते कृषि विभाग के अनुसार इसका समाधान कर ले ताकि फसल में नुकसान से बचा जा सके।

अगेती फसल सरसों में फंगस सफेद रोली रोग से नुकसान

इस समय सरसों की अगेती बुवाई वाले स्थानों पर फलियां बन गई है, परंतु पछेत्ती बुवाई वाले रकबे में फूल एवम् फलियां बन रही है, ऐसे में इन स्थानों पर इस समय सरसों की फसल में फंगस की समस्या बन गई है। नमी का प्रभाव ज्यादा होने और धूप ना खिलने के कारण यह समस्या देखने को मिल रही है। सरसों की जो फ़सल पछेती बुवाई हुई है उसमे सफेद रोली रोग काफ़ी मात्रा में फेल रहा है, ओर काफ़ी मात्रा में फसल को बर्बाद कर रहे हैं।

गेंहू में पीला रतुआ रोग का प्रकोप

वहीं गेहूं की फसल में पीला रतुआ रोग का प्रकोप काफी बढ़ गया है, जो खड़ी फसल को नुकसान पहुंचाने के लिए काफ़ी है, किसान साथियों को कृषि विभाग भी पीला रतुआ रोग के नियंत्रण हेतु अनेक प्रकार के उपाय बता रहे हैं ताकी फसल को ज्यादा नुकसान होने से बचाया जा सके।

किसानों को फफूंदी जनित रोग से बचने के लिए उपाय करने चाहिए, गेहूं में इस रोग के कारण पतियां पीली रंग की हो जाति है, इस रोग को नियंत्रित करने के लिए किसान साथी फफूंदी नाशक कीट दवाओं का समय रहते ही कर लेना चाहिए। ताकि संपूर्ण फसल को कीट रोग न छू सके।

गेंहू में पीला रतुआ रोग ऐसे करें नियन्त्रण

किसान साथियों को कृषि विभाग द्वारा सलाह दी जाती है कि रोग फैलने से पहले ही इस रोग पर नियंत्रण पा ले इसके लिए किसान साथी गेहूं की फसल में प्रोपिककोजोल 0.1% , या 50 प्रतिशत टेबूकांजोल, ट्राईफ्लोक्सीस्ट्राबिन 25 फीसदी का छिड़काव कर दे, इसको 15 दिन बाद फिर दोहराया जाय।

जौ में चेपा का प्रकोप बढने की आंशका

किसान साथियों जैसे ही मौसम में परिवर्तन आने लगा है जौ मे भी अब चेपा का प्रकोप देखने को मिलने लगा है, मौसम विभाग के मुताबिक जैसे ही धूप निकलेगी, जौ की फसल में चेपा रोग फैलने लगेगा, इसलिए किसानों को जौ में चेपा रोग के प्रति सचेत रहने की सलाह दी है। जैसे ही यह रोग फसल में दिखाईं दे विभागीय नियमानुसार इसका नियंत्रण करें।

फसलों में कीट रोग के प्रति सचेत रहें किसान
कृषि विभाग श्रीगंगनर के संयुक्त निदेशक श्री जी आर मटोरिया ने कहा है कि किसान साथी गेहूं, सरसों एवम् जो की फसल में कीट रोग के बचाव के लिए सचेत रहें, किसान साथी अपने खेतों का समय समय पर निरीक्षण करते रहें, जैसे ही किसान साथी फसलों में किसी प्रकार का रोग देखे विभागीय नियमानुसार इसका नियंत्रण हेतु उपाय करें।

ठंडा मौसम चना समेत बारानी फसलों के लिए फायदेमंद।

कृषि विभाग के अनुसार बिरानी फसलों खासकर चना की फसल के लिए ठंडा मौसम काफ़ी लाभदायक सिद्ध हो सकता है, किसानों के अनुसार सरसों में फंगस की वजह से, अधिक नमी से फसल में सफेद रोली रोग तनों, पत्तों एवम् साखाओं पर झुलसा रहे हैं एवम् पतियां गिर रही है, तने पर फंगस की वजह से तना गलकर सूख रहा है। सरसों की फलियां नमी के कारण झड़ रही। हालांकि गेहूं जौ एवम् बारानी चना की फसल में ठंड की वजह से फायदा हुआ है।

 

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