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सोयाबीन का भाव भविष्य क्या है 2024: सोयाबीन भाव भविष्य। अप्रैल तक लोटेगी तेजी 2024

Soyabean rate in future :किसान साथियों आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से जानेंगे सोयाबीन का भाव कब बढ़ेगा 2024 , सोयाबीन को लेकर इस समय किसानों एवम् व्यापारियों में दहशत का माहोल बना हुआ है क्योंकी कुछ दिनों में गिरावट आई जिसके चलते आवक में भी गिरावट देखने को मिली, हालांकि ऐतिहासिक आंकड़ों को देखते हुए सोयाबीन का भाव विपणन वर्ष 2024 में अप्रैल तक सोयाबीन के भाव (soybean rate)  में तेजी की उम्मीद जताई जा सकती है। तो चलिए जानते हैं सोयाबीन वार्षिक रिपोर्ट 2024 किस प्रकार रहने की है उम्मीद है।

सोयाबीन भाव में प्रोसेसर की धीमी मांग के चलते बीते दिनों में गिरावट देखने को मिलीं हैं, बीते सप्ताह राजस्थान एवम् मध्य प्रदेश के सोया प्लांटो के मिल डिलिवरी में तकरीबन 100 रुपए एवम् महाराष्ट्र के प्लांट भाव में 150 से 175 रुपए प्रति क्विंटल तक गिरावट आई है।

सोयाबीन का भाव भविष्य क्या है 2024: 2024 में सोयाबीन भाव भविष्य।

वही सोयाबीन का भाव में गिरावट को देखते हुए किसान भी मंडियो में अपनी फसल कम लेकर आ रहे हैं जिसके चलते आवक में भी कमी देखने को मिल रही है, आवक में कमी को देखते हुए सोयाबीन का रेट 5000 रुपए प्रति क्विंटल तक बिकने की संभावना जताई जा रही थी परंतु डिमांड की कमी के कारण भाव में ज्यादा बदलाव नही हुआ। हालांकि ऐतिहासिक आंकड़ों के अनुसार साल 2024 में तेजी से इंकार नहीं किया जा सकता।

 

सोया मील एवम् साया तेल की कीमतों में मंदी के चलते प्रोसेसरों के मांग पर भी असर देखने को मिल रहा है क्योंकि प्रोसेसरो द्वारा 3 महिने पहले ही जबर्दस्त खरीद कर ली गई थी, जिसके कारण अब खरीददारी में ज्यादा दीपचस्पी नही ले रहे। हालांकि मंदे भाव में स्टॉकिस्ट ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी जिसका असर हल्का देखने को मिल सकता है एवम् हल्की फुल्की तेजी की उम्मीद संभव है।

अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में सोयाबीन की लेटेस्ट अपडेट

हालांकि अंतर्राष्ट्रीय बाजारों की बात करें तो पिछले कुछ सालों में जनवरी माह में भाव कमज़ोर रहते हैं, कयोंकि ब्राजील में नई सोयाबीन की सप्लाई बढ़ जाती है जिसका असर घरेलू बाजारों पर भी देखने को मिल सकता है, एवम् विपणन वर्ष 2024 के जनवरी माह में सोयाबीन के भाव (soybean price) में दबाव बना रह सकता है।

सोयामील एवम् सोया तेल की कीमतों में मंदी

उधर सोयामील (soymeal rate) की कमज़ोर मांग, सोया तेल ( soya oil price) में कमजोरी एवम् उच्च वेश्विक उत्पादन के कारण, घरेलू सोयाबीन की कीमतें अपने निचले स्तर पर पहुंचने का खतरा बना हुआ है। कीर्ति प्लांट के अनुसार देखा जाय तो पिछले दिनों 4760 (Soybean rate) रुपए प्रति क्विंटल तक निचले स्तर पर सोयाबीन भाव बने हुए थे। हालांकि ऐतिहासिक रूप से देखा जाय तो जनवरी से अप्रैल माह में भाव में तेजी देखने को जरुर मिलती है।

2024 में सोयाबीन भाव में तेजी कब आएगी । सोयाबीन का भाव बढेगा या घटेगा 2024

इस समय व्यापारी भाई सोयाबीनका भाव भविष्य 2024 को लेकर काफ़ी चिंतित हैं क्योंकी साल के अंत में गिरावट से लाजमी चिंतित होना बनता है, हालांकि यदि जब एक बार सोयाबीन अपने निचले स्तर पर पहुंच जाती है उसके बाद आसानी से खरीददारी करते हैं उसकी भरपाई अप्रैल तक स्टॉक करके आसानी से की जा सकती है एवम् अच्छा मुनाफा लिया जा सकता है। व्यापार अपने विवेक से करें क्योंकी उपयुक्त जानकारी व्यापारियों एवम् ऐतिहासिक आंकड़े को देखते हुए तैयार की गई है।

 

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सोयाबीन के बारे में अतिरिक्त जानकारी 👇

विश्व में सबसे अधिक सोयाबीन का उत्पादन देश ब्राजील है वही संयुक्त राज्य अमेरिका का सोयाबीन उत्पादन में दूसरा स्थान है, सालाना 12 मेट्रिक टन सोयाबीन के उत्पादन के साथ भारत विश्व का पांचवा वनडे है वही भारत में सबसे बड़ा सोयाबीन उत्पादक राज्य महाराष्ट्र है जो देश का 43 फीसदी अकेला उत्पादन देता है, दूसरे स्थान पर मध्य प्रदेश का आता है जो तकरीबन 42 फीसदी के लगभग भारत के कुल उत्पादन का हिस्सा रखता है, तीसरे स्थान पर राजस्थान का स्थान है जो 4.50 फीसदी उत्पादन प्रति वर्ष हिस्सा रखता है।

 

सोयाबीन रिसर्च सेंटर इंदौर में स्थित है, सोयाबीन का वैज्ञानिक नाम ग्लाइसिन मैक्स है। सोयाबीन दलहन की बजाए तिलहन की फसल मानी गई है, इसको शाहकारी मनुष्यो का मांस के नाम से जाना जाता है, एवम् प्रोटीन से भरपूर अनाज है।

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भारत में सोयाबीन की खेती

भारत में सोयाबीन की बुवाई प्रमुख रूप से मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, कर्नाटक एवम् तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में की जाती है, रबी सीजन की प्रमुख तिलहन फसलों में से यह एक है जिसकी बुवाई उत्तम समय जून – जुलाई माह माना जाता है, इसके लिए रेतीली हल्की मिट्टी को छोड़कर अन्य सभी प्रकार की मिट्टी में आसानी से उगाया जा सकता है।

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